🇺🇸 H-1B वीज़ा पर नया अध्याय: $100,000 वार्षिक शुल्क और उसके प्रभाव
4 सितंबर 2025 को नेपाल सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स (जैसे Facebook, Instagram, YouTube, X) को प्रतिबंधित कर दिया, जिसके चलते युवा वर्ग (Gen Z) में भारी रोष उत्पन्न हुआ ।
यह प्रतिबंध सूचना की स्वतंत्रता पर हमला माना गया और युवाओं ने दिल्ली, पोखरा, काठमाडौँ समेत कई मुख्य शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू किए।
8 सितंबर से विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले गए। भीड़ ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, पुलिस चौकियां समेत कई सरकारी इमारतों में आग लगा दी ।पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें तेज हुईं: आंसू गैस, वाटर कैनन, रबर बुलेट्स के साथ अंततः लाइव गोलियाँ चलीं।
परिणामस्वरूप 72 से 74 लोग मारे गए, 2100+ घायल हुए, और हजारों की संपत्ति व सरकारी भवनों को भारी नुकसान पहुंचा ।
इन हालातों में प्रधानमंत्री K. P. Sharma Oli ने 9 सितंबर 2025 को इस्तीफा दे दिया ।
राष्ट्रपति कार्यालय की मंजूरी से अगले तीन दिन बाद, 12 सितंबर को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की (Sushila Karki) ने पद संभाला और नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं ।
सुशिला कार्की ने अपनी पहली सरकार 12 सितम्बर को बनाई, जिसमें कई सुधारवादी मंत्रियों को जगह दी गई ।
उन्होंने मृतकों के परिवारों को 1,000,000 नेपाली रुपये (≈$7,100–11,330) मुआवजे की घोषणा की और घायल लोगों के लिए मुफ़्त इलाज का वादा किया ।
संवाद व राष्ट्रीय एकता पर ज़ोर देते हुए, अप्रतिबंधित शासन और नई चुनाव प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पार्लियामेंट चुनाव 5 मार्च 2026 के लिए घोषित किया गया है, जिससे मध्यम अवधि की स्थिर सरकार बनने की उम्मीद बनी है ।
गुज़रने वाले दिनों में भारत-नेपाल सीमा पाँच दिनों तक बंद रही। सरकारी और निजी आपूर्ति की भारी कमी से पेट्रोल, दवाइयाँ, खाना महँगा हुआ, ब्लैक मार्केट बढ़ गया ।
अब सीमा कुछ अंश में फिर से खुली है, कई ट्रक पेट्रोल, दवाइयाँ व अन्य आपूर्ति लेकर नेपाल भेजी गईं; हालाँकि समय लगेगा सामान्य स्थिति लौटने में ।
यह विरोध केवल सोशल मीडिया प्रतिबंध का परिणाम नहीं था, बल्कि वर्षों से चले आ रहे भ्रष्टाचार, नौकरियों की कमी, और भ्रष्ट राजनीतिक दलों से युवाओं की निराशा का विस्फोट था जिनकी आवाज़ अंततः सड़कों पर बुलंद हुई ।
यह आंदोलन नेपाल में ग्रोथ और गवर्नेंस मॉडल पर पुनर्विचार की माँग करता है — विशेष रूप से रोजगार सृजन, पारदर्शिता, और सामूहिक न्यायिक सुधार की दिशा में ।
महामारी, पर्यटन में गिरावट और विदेशी श्रमिकों पर निर्भरता जैसी आर्थिक कमजोरियाँ सीधे युवा बेरोजगारी से जुड़ी हुई हैं।
यह नेपाल ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया भर में उभरता जन-आधारित सरोकारों का हिस्सा है — जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका में हाल के विद्रोह दिखाते हैं कि आर्थिक और राजनीतिक निराशा किस तरह बदलाव की भावना को जन्म दे सकती है ।
4 सितम्बर 2025 सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया
8 सितम्बर Gen Z युवा विरोध शुरू, लिंक सोशल मीडिया प्रतिबंध से
9 सितम्बर संसद भवन में आग, प्रधानमंत्री Oli का इस्तीफा
10 सितम्बर आर्मी द्वारा कर्फ़्यू लगाया गया
12 सितम्बर सुशिला कार्की प्रधानमंत्री बनीं, अंतरिम सरकार बनी
14 सितम्बर मृतकों की संख्या बढ़कर ~72, राहत और मुआवज़ा घोषित
19 सितम्बर भारतीय दूतावास ने स्थिति में सुधार बताया, लेकिन सतर्क रहने को कहा
5 मार्च 2026 आगामी संसदीय चुनाव (निर्णायक मोड़)
स्तिथि स्थिर हो रही है, लेकिन युवा ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग मुख्य चुनौती है।
इंटरिम सरकार पर ज़िम्मेदारी बड़ी है – चुनाव, पारदर्शिता, और व्यापक सुधारों को पूरा कर यह जनता के विश्वास को जीत सकती है।
भारत समेत क्षेत्रीय सहयोग महत्वपूर्ण: सीमा खुली, पर प्रतिबंध उपद्रव को ध्यान में रखते हुए भारतीय दूतावास ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है ।
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